Intezari Lyrics | article 15 Armaan Malik Lyrics
” Intezari” is the song” . from feature film ” Article 15.
This song is sung by Armaan Malik. Music is composed by . The lyrics are penned by Shakeel Azmi
ले जा जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
वो जो हम रोये साथ थे
भीगे दिन और रात थे
खारे खारे पानी की कहानी वो लेजा ना
आ ना आ भी जा ना इन्तेज़ारी है तेरी
ले जा जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे मीठे का मज़ा है
ज़बां पे अब भी ताज़ा साथीया
चाँद देखा था जो हमने
चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा साथीया
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दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे मीठे का मज़ा है
ज़बां पे अब भी ताज़ा साथीया
चाँद देखा था जो हमने
चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा साथीया
हो कभी यूँही ताकना तुझे, यूँही देखना
कभी बैठे बैठे यूँही तुझे सोचना
वो पल क़रार के, वो जो थे लम्हे प्यार के
उन्हें मेरे ख़्वाबों से ख़यालों से ले जा ना
आ ना आ भी जा ना इन्तेज़ारी है तेरी
ले जा जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
कभी रूठना वो तेरा किसी बात पर
कभी हँसके ताली देना मेरे हाथ पे
थोड़े शिकवे कुछ गिले
वो जो थे अपने सिलसिले
टूटे हुवे वादे वो इरादे वो ले जा ना
आ ना आ भी जा ना इन्तेज़ारी है तेरी
ले जा जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी
दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे मीठे का मज़ा है
ज़बां पे अब भी ताज़ा साथीया
चाँद देखा था जो हमने
चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा साथीया
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दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे मीठे का मज़ा है
ज़बां पे अब भी ताज़ा साथीया
चाँद देखा था जो हमने
चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा साथीया