भूख थोड़ा कम लगती हैनग्नता धरोहर बन जाती है संस्कृति कीखूब बिकती है भीतर की लाचारीबाहर की दुकान परनाचने से शरीर की हड्डियाँ नहीं दिखाई पड़तींनाच हर आदमी को अच्छा लगता है बात थोड़ा कम कहने में हीकविता रहती हैइस तरह का ऐलान है शायद।