उसने अपनी भाषा को किया नरम,दूब सा – उसने अपनी हथेली को कियाफूल सा – उसने छुपा लिया अपने ही भीतरअपना सारा असला –वह आँखों में लाई आँज करएक प्रतिसंसार गहरा – वह स्त्री थी प्रेम में,खिल रही थी काँटो भरी बेल में।