जिस समय में | कुँवर नारायण जिस समय में | कुँवर नारायण जिस समय मेंसब कुछइतनी तेजी से बदल रहा है वही समयमेरी प्रतीक्षा मेंन जाने कब सेठहरा हुआ है ! उसकी इस विनम्रता सेकाल के प्रति मेरा सम्मान-भावकुछ अधिकगहरा हुआ है।