झूठ – 4 | दिव्या माथुर
झूठ – 4 | दिव्या माथुर
झूठ
सर पर चढ़ के
बोलता है
यही सोच के
ख़ामोश हूँ मैं
ये न समझना
कि मेरे मुँह में
ज़ुबान नहीं
झूठ – 4 | दिव्या माथुर
झूठ
सर पर चढ़ के
बोलता है
यही सोच के
ख़ामोश हूँ मैं
ये न समझना
कि मेरे मुँह में
ज़ुबान नहीं