हैंडपंप
हैंडपंप

जी हाँ, आप जरा उस बूढ़े हैंडपंप की ओर देखें
जो निराश बैठा है
उस रिहायशी इलाके में
जहाँ घरों में समय पर आता है
नगर पालिका का पानी
और नागरिकों की कैद रहती हैं आत्माएँ
उनके घरों की तरह
चारदीवारी के घेरे में

आप सही समझ रहे हैं
मैं उसी हैंडपंप का जिक्र कर रहा हूँ
जहाँ अक्सर कोई नहीं जाता
शायद मैं भी नहीं मुड़ता उधर
अगर खड़ी दोपहर ना होती
और लगती नहीं मुझे तेज प्यास

लंबी उपेक्षा की धूल पोंछने के बाद
जब मैंने चलाया हैंडपंप
जल की तेज धार नहीं
शूँ शूँ करती तेज गुर्राहट निकली उससे
जैसे गुर्राता है वह आदमी
मिला न हो
जिसे लंबे अरसे से प्यार

जरा सा
सिर्फ पानी चाहिए
गुर्राते हैंडपंप को

जरा सा
सिर्फ प्यार चाहिए
गुर्राते आदमी को

फिर अंतःस्तल से फूट पड़ेगी
प्रेम जल की अजस्र धारा।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *