- गुलकंद एक आयुर्वेदिक औषधि के साथ-साथ मुंह के स्वाद को मधुर बनाने में भी प्रयोग किया जाता है |गुलकंद को पान के साथ तो सभी ने खाया होगा आजकल इसको मिठाई में भी प्रयोग किया जाता है |
- गुलकंद के औषधि के रूप में फायदे बहुत सारे फायदे होते है जैसे गुलकंद हल्का रेचक, एंटीऑक्सीडेंट, खांसी को ठीक करने वाला,अच्छी नींद लाने वाला, पित्त को शांत करने वाला और भूख को बढाने को वाला होता है |
गुलकंद के आयुर्वेदिक फायदे :
कब्ज को दूर करने में फायदेमंद
गुलकंद लेने से पेट के रोग जैसे – कब्ज आदि समस्याएं खत्म हो जाती हैं गुलकंद के नियमित सेवन से इसके पाचन शक्ति ठीक होती है साथी ये हल्का विरेचक(laxative) होने से कब्ज को दूर करता है|
सेवन विधि
½- 1 चम्मच रात में सोने से पहले हलके गर्म पानी या दूध से|
एसिडिटी में लाभदायक
गुलकंद एसिडिटी कि एक कारगर औषधि से है| गुलकंद में पित्त को शांत करने का गुण होता है| साथ हि इसके सेवन से इसके पाचन के बाद बनने वाला रस आँतों के लिए बहुत हितकर होता है. पाचन क्षमता में सुधार होता है
सेवन विधि
½- 1 चम्मच खाना खाने से पहले ले सुबह और शाम |
नाक से ब्लड आना
नाक से ब्लड आना गर्मियों के समय एक सामान्य सी समस्या है खासकर बच्चो में ये समस्या ज्यादा होती है इस का सबसे अच्छा उपाय गुलकंद का सेवन करना है ये क्योकि ये शरीर के गर्मी को शांत कर नाक से ब्लीडिंग आने से रोकने में सहायक होता है|
सेवन विधि
½- 1 चम्मच खाना खाने से पहले या बाद में ले सुबह और शाम|
मुंह के छालों(ulcers) की महौषधि
मुंह के छालों को दूर करने के लिए गुलकंद खाना फायदेमंद होता है ये पित्त को कम करके छालों में होने वाली जलन को शांत करता है मुंह के छालों को प्रमुख कारण पेट की खराबी भी होता है ये उसको ठीक कर छालों में फायदा पहुचाता है|
सेवन विधि
½- 1 चम्मच खाना खाने से पहले या बाद में ले सुबह और शाम या फिर पान के साथ भी सकते है |
त्वचा रोग को ठीक करने में सहायक
गुलकंद शारीर में गर्मी के करना होने वाले त्वचा रोग को ठीक करने में सहायक होता है यदि शरीर पर किसी तरह के छोटी-छोटी फुंसियां निकल रही हो तो उसे ठीक करने के लिए गुलकंद खाएं ।
सेवन विधि
½- 1 चम्मच खाना खाने से पहले या बाद में ले सुबह और शाम|
गुलकंद बनाने की विधि:
समाग्री:
ताजी गुलाब की पंखुडियां – 200ग्राम | चीनी- 150 से 200 ग्राम | आप छोटी इलायची और सौफ को भी डाल सकते है |
बनाने का तरीका:
- पहले गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें |
- अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें और इसमें पंखुडियां डालें |
- अब चीनी कि जो कि मात्रा अपने ली है उसको डाले |
- अब आधा छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें |
- इसे धूप में रख दें आठ दस दिन के लिये बीच- बीच में इसे चलाते रहें
- धीरे -धीरे गुलाब कि पंखुडियां गलना शुरू हो जाएगी|
- जब ये पंखुड़िया पूरी तरह गल जाय यानि सब एक -दूसरे में मिल जाए |
- तब मानिये कि गुलकंद तैयार हो गया|