गंजापन दूर करने के घरेलु उपाय क्या है?
गंजापन दूर करने के घरेलु उपाय क्या है?

‘अथर्ववेद’ में दर्ज है गंजेपन का इलाज, शत-प्रतिशत दूर होगी आपकी समस्या

उम्र से पहले बालों का झड़ना?

समय के साथ इंसान में शारीरिक बदलाव तो आते ही हैं। एक उम्र गुजर जाने के बाद उसके चेहरे पर झुर्रियां आने लगती हैं, उसे शारीरिक कमजोरी भी महसूस होने लगती है, बाल सफेद होने लगते हैं और यहां तक कि झड़ने भी लगते हैं। यह उम्र का वह पड़ाव होता है जब कुछ ही समय में बाल झड़ते-झड़ते इतने कम हो जाते हैं कि व्यक्ति गंजा हो जाता है। लेकिन बालों का झड़ना उम्र से पहले ही हो जाए तो?

बहुत बड़ी समस्या

जी हां… यह समस्या आजकल कई लोगों के साथ है। अब इसके लिए दोषी पौष्टिक आहार की कमी को मानें या फिर प्रदूषण को, लेकिन अंत में गंजेपन का शिकार तो वह व्यक्ति ही होता है। उसके लिए इस गंजेपन का कारण जानने से कई गुना अधिक चिंता का विषय यह होता है कि अब इसे दूर कैसे किया जाए।

इलाज है मुश्किल

क्योंकि यह गंजापन इस प्रकार का होता है कि यदि एक बार बाल चले जाएं, तो फिर तमाम कोशिशों के बावजूद भी वापस आते नहीं हैं। लोग लाखों-करोड़ों रुपयों का इलाज कराते हैं, महंगी-महंगी दवाएं खाते हैं लेकिन अंत में निराशा ही उनके हाथ लगती है।

गंजेपन की समस्या

हम यह नहीं कह रहे कि हर किसी के लिए ये महंगे इलाज व्यर्थ जाते होंगे, कुछ के लिए सफल भी होते हैं लेकिन जो लोग इतना खर्चा नहीं कर सकते वे क्या करें? क्या वे ताउम्र इसी गंजेपन की समस्या से जूझते रहें?

धार्मिक ग्रंथों में छुपा है इलाज

यदि आप या आपके कोई जानकार इसी परेशानी के शिकार हैं, तो यहां हम आपको इससे छुटकारा पाने के आसान तरीके बताने जा रहे हैं। इनमें से कुछ आयुर्वेदिक उपाय हैं तो कुछ धार्मिक ग्रंथों में वर्णित वे तरीके हैं जो गंजेपन का इलाज करते हैं।

सस्ते उपाय

सबसे अच्छी बात तो यह है कि इन उपायों को करने में ना तो आपका अधिक समय लगेगा, ना ही बहुत ज्यादा मेहनत और ना ही जरूरत से ज्यादा खर्चा आएगा। बहुत ही कम बजट में आप गंजेपन जैसी समस्या को हमेशा के लिए बाय-बाय कह सकेंगे। शुरुआत करते हैं कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों के साथ, आगे की स्लाइड्स में जानिए वे उपाय जो आप घर बैठे-बैठे ही कर सकते हैं।

मेथी और दही

गंजेपन के उपचार में मेथी बहुत फायदेमंद साबित होती है। उपाय – मेथी को कम से कम 12 घंटे के लिए पानी में भिगोएं, इसके बाद पीसकर दही में मिलाकर पेस्ट तैयार कर लीजिए। अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों में लगाइए। इसे करीब एक घंटे तक लगा रहने दें।

निकोटिनिक एसिड

मेथी और दही के इस उपाय से बालों की जड़ों में मौजूद रूसी कम होगी और सिर की त्वरचा में नमी आएगी। आपको बता दें कि मेथी में निकोटिनिक एसिड और प्रोटीन पाया जाता है, जो बालों की जड़ों में पोषण पहुंचाने के साथ ही बालों की ग्रोथ भी बढ़ाता है। यदि आप कुछ दिन ये उपाय करेंगे तो आपको जल्द ही रिजल्ट मिल सकते हैं।

उड़द की दाल

आयुर्वेद के इस दूसरे उपाय के अनुसार उड़द दाल भी गंजेपन से छुटकारा दिलाती है। इसके लिए आप उड़द की बिना छिलके वाली दाल का इस्तेमाल करें। इस दाल को उबाल कर पीस लीजिए।

रात को लगाए

इसे आपको रात को सोने से पहले एक लेप की भांति ही बालों की जड़ों में लगाना है। फिर रात भर इसे बालों में लगा रहने दें और सुबह धो लें। इस लेप के कारण कपड़े गंदे न हों, इसके लिए सिर पर तौलिया बांध लें। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से बाल दोबारा उगने लगते हैं और गंजापन कम हो जाता है।

मुलेठी और केसर

गंजेपन को दूर करने के लिए रामबाण इलाज है मुलेठी। इसके उपाय हेतु आप इसे पीसकर इसमें थोड़ी मात्रा में दूध और केसर मिलाकर पेस्टर तैयार कर लीजिए। अब इस पेस्टो को रात को सोने से पहले सिर में लगा लीजिए। जैसा कि हमने पहले बताया, उसी तरह से सिर में तौलिया बांधकर सो जाएं और सुबह उठकर बालों में हल्का शैम्पूर कर लें। ऐसा करने से धीरे-धीरे गंजापन दूर होगा।

आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज

आयुर्वेद की नजर में सर्वश्रेष्ठ हैं आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज। इन तीनों के उपयोग से ना केवल गंजापन, बल्कि कई सारे रोगों का इलाज किया जाता है। लेकिन जब गंजेपन को कम करने के बात है, तो इसकी विधि भी जान लीजिए।

बालों में लगाएं

इसके लिए आप इन तीनों को एक साथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बना लेना चाहिए। इसके बाद इस लेप को 15 मिनट तक बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं।

बाल होंगे काले

इस प्रयोग से बाल कुदरती रूप से काले भी हो जाते हैं। तो यदि किसी को बालों के सफेद होने की परेशानी है, तो वह इस उपाय का उपयोग कर सकता है।

हरा धनिया

हरा धनिया पौष्टिक गुणों से भरपूर तो है ही, लेकिन ये गंजेपन को कम कर सकता है यह नहीं जानते होंगे आप। हरे धनिये के इस्तेमाल से गंजेपन से छुटकारा पाने के लिए आप इसका पेस्टआ बनाकर सिर के उस हिस्सेम में लगाइए जहां से आपके बाल उड़ गए हैं। आपको इसमें कैसा भी अन्य पदार्थ मिलाने की जरूरत नहीं है।

प्याज

शायद आप यकीन ना करें, लेकिन सच में गंजेपन को कम करने के लिए प्याज सहायक है। इसके लिए एक बड़ा प्याकज लेकर उसके दो हिस्सेक कर लीजिए। सिर के जिस हिस्सेी से बाल उड़ गए हैं, वहां पर आधे प्या ज को 5 मिनट तक रगड़ें। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से बाल झड़ने बंद हो जाएंगे। साथ ही बाल फिर से उगने लगेंगे।

एलोवेरा, प्याज और शहद

त्वचा से लेकर बालों के लिए एलोवेरा कितना लाभकारी है, ये हर कोई जानता है। इसलिए एलोवेरा, प्याज और शहद तीनों को मिलाकर गंजेपन को कम करने का एक उपाय आयुर्वेद में मौजूद है।

विधि

इस उपाय को करने के लिए 1 चम्मच एलोवेरा, एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच शहद मिला कर पेस्ट तैयार कर लीजिए। तैयार किए गए पेस्ट को नहाने के एक घंटे पहले बालों में लगाए। ये उपाय आप कम से कम 3 से 6 महीने तक इस्तेमाल करें, इससे गंजेपन के साथ सफ़ेद बालों की समस्या का भी इलाज हो जाएगा।

धार्मिक ग्रंथ के उपाय

आयुर्वेद के बाद अब जिस धार्मिक ग्रंथ की मदद से हम आपको गंजेपन का इलाज बताने जा रहे हैं, उस धार्मिक ग्रंथ के बारे में आपने पहले भी कई बार सुना होगा। लेकिन उसमें गंजेपन का इलाज भी मौजूद है, इस बात से आज तक अनजान थे आप।

अथर्ववेद में है उपाय

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चार वेद हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। अथर्ववेद में व्यक्ति के जीवन से जुड़ी समस्याओं का निदान बताया गया है। अथर्ववेद को जादू, तंत्र और मंत्र का ग्रंथ भी माना जाता है, लेकिन इसी महान ग्रंथ में जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी है यह बहुत कम लोग जानते हैं।

चरक संहिता

अथर्ववेद के भीतर चरक संहिता का ज्ञान छिपा है। आज के युग में चरक संहिता आयुर्वेद का मूल ग्रन्थ माना गया है। लेकिन इसी चरक संहिता में गंजेपन के बहुत सारे इलाज छिपे हैं, यह आज हम आपको बताएंगे।

शत-प्रतिशत काम करेगा ये उपाय

आपको बता दें कि चरक संहिता में गंजेपन का इलाज करने के लिए ढेर सारे इलाज दर्ज हैं। लेकिन बहुत सारे उपायों की गहराई में ना जाते हुए हम आपको वह एक उपाय बताना चाहेंगे, जो काफी प्रचलित भी है और साथ ही शत-प्रतिशत काम भी करता है।

जोंक की मदद से इलाज

दरअसल अथर्ववेद की चरक संहिता में ‘जोंक थैरेपी’ नामक के इलाज दर्ज है। सुनने में आपको वाकई अजीब लग रहा होगा, लेकिन सच में यह इलाज जोंक की मदद से ही किया जाता है। जी हां… वही जोंक जो खून चूसतीं हैं। चरक संहिता के इस इलाज को काफी कठिन माना जाता है।

रिजल्ट मिलेगा आपको

लेकिन यकीन मानिए कि इस जोंक थैरेपी की मदद से बहुत लोगों को राहत मिली है। चलिए आपको बताते हैं कि यह काम कैसे करता है।

देखिये इलाज

जोंक थैरेपी के अंतर्गत जोंक को रोगी के सिर पर डाल देते हैं। सिर का जो भी दूषित खून होता है उसे जोंक चूस लेती है। दरअसल कई बार सिर में फफूंद या फंगस हो जाती है जिसके कारण रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। जोंक इस फंगस को खा जाती है और सिर पूरी तरह से साफ होकर फफूंद ‍मुक्त हो जाता है।

ऐसे होता है असर

जैसे-जैसे जोंक सिर का खून चूसती है, उसी के साथ सिर में रक्तशोधन होकर रक्त का संचार बढ़ जाता है और नए सिरे से रोम छिद्रों में बाल उगने लगते हैं। कहा जाता है कि जोंक के स्लाइवा में विशेष प्रकार के तत्व होते हैं, जो दर्द दूर करने, रक्त के प्रदूषित तत्वों को दूर करने और रक्त को पतला करने में मददगार होते हैं।

इस्तेमाल करें ये थैरेपी

तो यदि आप या कोई भी ऐसा व्यक्ति जो गंजेपन के हर इलाज को अपनाने के बाद भी निराश है, जो हर बार इससे छुटकारा पाने में असफल हो रहा हो, वो एक बार इस जोंक थैरेपी का इस्तेमाल जरूर करे। ध्यान रहे कि इस इलाज को किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें।

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