फिटकरी के फायदे और नुकसान क्या हैं?
फिटकरी के फायदे और नुकसान क्या हैं?

फिटकरी (Alum), एक रंगहीन, क्रिस्टलीय पदार्थ हैं। साधारण फिटकरी का रासायनिक नाम ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ (KAl(SO4)2.12H2O) होता हैं। (AB(SO4)2.12H2O) इम्पीरिकल सूत्र वाले सामान्य यौगिकों को ‘एलम’ (Alums) नाम से जाना जाता है।

फिटकारी को अंग्रेजी में पोटैश ऐलम या केवल ऐलम भी कहते हैं। यह पोटैशियम सल्फेट और ऐलुमिनियम सल्फेट का द्विलवण है, इसके चतुर्फलकीय क्रिस्टल में क्रिस्टलीय जल के २४ अणु रहते हैं। इसके क्रिस्टल अत्यंत सरलता से बनते हैं।

पहले पहल फिटकरी ऐलम शेल (shale) से बनाई गई थी। यह बड़ी मात्रा में ऐलूनाइट या फिटकरी पत्थर(K2SO4Al2(SO4)3.4 Al(OH)3) के वायु में भंजन, निक्षालन (lixiviation) और क्रिस्टलीकरण से प्राप्त होती है। एलुनाइट से प्राप्त ऐलम को ‘रोमन ऐलम’ भी कहते हैं। ऐलूमिनों फेरिक के विलयन पर पोटैशियम सल्फेट की क्रिया से भी फिटकारी प्राप्त हो सकती है। फेरिक ऑक्साइड के कारण इसका रंग गुलाबी होता है, यद्यपि विलेय लोहा इसमें बिल्कुल नहीं होता, या केवल लेश मात्र होता है।

पोटैश ऐलम ९२° सें. पर पिघलता है। २००° सें. पर इसका जल निकल जाता है जिसस यह सरंध्र पुंज में परिणत हो जाता है। इसे ‘जली हुई फिटकरी’ कहते हैं। वायु में इसके क्रिस्टल प्रस्फुटित होते हैं, जो वायु से अमोनिया का अवशोषण कर क्षारक लवण में परिवर्तित हो जाते हैं।

फिटकरी का उपयोग कागज उद्योग, रंगसाजी, छींट की छपाई, पेय जल के शोधन और चमड़ा कमाने में होता है

  1. पोटैशियम एलम : पोटैशियम एलम को पोटाश एलम और पोटैशियम एलम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। माना जाता है कि 1500 ईसा पूर्व के आसपास फिटकरी के इस रूप का इस्तेमाल पानी की गंदगी को साफ करने के लिए किया गया था।
  2. अमोनियम एलम : अमोनियम एलम एक सफेद क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। फिटकरी के इस प्रकार का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों में किया जाता है, जैसे आफ्टरशेव लोशन और हाथों से जुड़े उत्पाद।
  3. क्रोम एलम : क्रोम एलम भी फिटकरी का एक प्रकार है, जिसे क्रोमियम पोटैशियम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है। यह क्रोमियम (एक रासायनिक तत्व) का पोटैशियम डबल सल्फेट है, जिसका इस्तेमाल चमड़ा बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है।
  4. एल्‍यूमीनियम सल्‍फेट : इस कम्पाउन्ड को पेपरमेकर की फिटकरी के रूप में भी जाना जाता है। वैसे, तकनीकी रूप से यह फिटकिरी नहीं है।
  5. सोडियम एलम : यह एक अकार्बनिक (Inorganic) कंपाउंड है, जिसे सोडा एलम के नाम से भी जाना जाता है। इस सफेद ठोस का उपयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण और फूड एडिटिव के रूप में किया जाता है।

सेलेनेट एलम : फिटकरी का वो प्रकार, जिसमें सल्फर की जगह सेलेनियम मौजूद होता है।

फिटकिरी के फायदे—

1.फिटकरी के फायदे दांतों के लिए बहुत हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर फिटकरी से मुंह की सफाई की जाए, तो दांत की कैविटी और दांतों के टूटने की समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसके लिए आप फिटकरी को माउथवॉश के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. शरीर की दुर्गंध

अगर आप शरीर की दुर्गंध से परेशान हैं, तो आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पैरों की बदबू दूर करने के लिए फिटकरी का प्रयोग किया जा सकता है ।एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, त्वचा की दुर्गंध हटाने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल आफ्टरशेव, डिओडरेंट और बॉडी लोशन में भी किया जाता है ।

3. माउथवॉश

फिटकरी एक कारगर माउथवॉश भी है। एक रिपोर्ट के अनुसार फिटकरी युक्त माउथवॉश का दैनिक उपयोग करने से प्लाक से छुटकारा पाया जा सकता है। खासकर, बच्चों के ओरल हेल्थ में फिटकरी अहम भूमिका निभा सकती है ।

4. मांसपेशियों की ऐंठन

फिटकरी के फायदे यहीं खत्म नहीं होते हैं। आप इसका इस्तेमाल मांसपेशियों की ऐंठन से राहत पाने के लिए भी कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, पोटैशियम एलम (फिटकरी) से मांसपेशियों में संकुचन (contraction) को दूर किया जा सकता है ।

बुखार और खांसी जैसी शारीरिक समस्याओं के लिए भी फिटकरी के बहुत फायदे हैं। एक अध्ययन के अनुसार, फिटकरी के इस्तेमाल से हे फीवर (मौसमी एलर्जी) जैसी बीमारियों से राहत पाई जा सकती है ।खांसी और दमा में भी फिटकरी फायदेमंद हो सकती, लेकिन इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

6. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से जुड़ी समस्याओं में भी फिटकरी अहम भूमिका निभा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फिटकरी मूत्राशय से होने वाले भारी रक्तस्राव को रोकने का काम कर सकती है, जो किसी संक्रमण की वजह से हो सकता है। फिटकरी एक कारगर अस्ट्रिन्जन्ट है, जो रक्तस्राव वाले भाग पर प्रभावी रूप से काम करता है।

7. जुएं मारने के लिए

बालों की देखभाल के लिए भी फिटकरी के फायदे बहुत हैं। जुएं, बालों से जुड़ी एक आम समस्या है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकती हैं। जुएं ज्यादातर बच्चों के बालों को निशाना बनाती हैं और एक प्रभावित इंसान के बालों से दूसरे इंसान के बालों में आसानी से जा सकती हैं। इनसे सिर में खुजली और स्कैल्प संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जुओं से निजात पाने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। फिटकरी का पेस्ट आसानी से जुओं से छुटकारा दिला सकता है।

8. कटने और घाव भरने के लिए

कटने और घाव की स्थिति को ठीक करने के लिए भी फिटकरी के फायदे बहुत हैं। यह अस्ट्रिन्जन्ट और हेमोस्टेटिक गुणों से समृद्ध होती है, जो शरीर के घाव, कटने और मुंह के छालों को जल्द भरने का काम करती है।

9. मुंहासों के लिए

अगर आप मुंहासों से परेशान हैं, तो फिटकरी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। फिटकरी अस्ट्रिन्जन्ट गुणों से समृद्ध होती है और एक रिपोर्ट के अनुसार अस्ट्रिन्जन्ट मुंहासों को ठीक करने का काम कर सकता है ।मुंहासों से राहत पाने के लिए आप फिटकरी का पेस्ट प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।

10. झुर्रियां और एंटी एजिंग

फिटकरी का इस्तेमाल बहुत से सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसमें अस्ट्रिन्जन्ट गुण होते हैं, जो त्वचा में कसाव (tightens) लाने का काम करते हैं ।झुर्रियों और एजिंग के प्रभाव को कम करने के लिए आप फिटकरी को प्रयोग में ला सकते हैं।

11. रंग होता है साफ

जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि फिटकरी अस्ट्रिन्जन्ट गुणों से समृद्ध होती है और अस्ट्रिन्जन्ट त्वचा से गंदगी निकालने के साथ-साथ त्वचा को टोन करने का काम करता है। इससे त्वचा का रंग निखरने में मदद मिलती है।

शरीर को होने वाले फिटकरी के फायदे जानने के बाद नीचे जानिए शरीर के लिए इसका उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।

फिटकरी का उपयोग –

खांसी और अस्थमा के लिए : आप 10 ग्राम फिटकरी और 10 ग्राम चीनी को पीस कर चूर्ण बना लें और 14 भागों में अलग कर दें। अब रोज रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध के साथ इस चूर्ण के एक भाग का सेवन करें। खांसी और दमा के लिए फिटकरी फायदेमंद हो सकती, लेकिन इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।

नोट – खांसी के लिए फिटकरी का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

दांतों और मुंह के लिए : दांतों से प्लाक और कैविटी हटाने के लिए आप फिटकरी को माउथवॉश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास पानी गर्म कर लें और उसमें चुटकी भर नमक और एक छोटा चम्मच फिटकरी पाउडर मिलाकर छान लें। ठंडा होने पर आप इस पानी को इस्तेमाल में ला सकते हैं।

जुंओं के लिए : जुओं के लिए फिटकिरी का उपयोग करने के लिए फिटकरी का पाउडर लें और इसे पानी में मिलाएं। इस मिश्रण में थोड़ा टी ट्री ऑयल भी मिलाएं। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प पर लगाएं और 10 मिनट तक मसाज करें, इसके बाद ठंडे पानी से बालों को धो लें। इसके बाद अपने बालों को शैम्पू और कंडीशन करना न भूलें।

ऐंठन के लिए : इसके लिए आप समान मात्रा में हल्दी और फिटकरी पाउडर लें और पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। ध्यान रहे पेस्ट मले नहीं, बल्कि लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें और बाद में हल्के गुनगुने पानी से त्वचा को धो लें। दिन में दो-तीन बार कुछ दिन यह उपाय करके दर्द से राहत मिल जाएगी।

चोट या घाव के लिए : एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच फिटकरी पाउडर मिलाएं और गुनगुना होने के लिए रख दें। अब इस पानी से चोट या घाव को दिन में दो से तीन बार धोएं।

शेव करने के बाद : शेव करने के बाद आप चेहरे पर पानी की कुछ बूंदें छिड़कर सीधा फिटकरी को रगड़ सकते हैं। ऐसा करने से सेप्टिक होने की आशंका कम हो जाती है।

झुर्रियों और एंटीएजिंग के लिए : चेहरे पर साफ पानी छिड़कें और फिटकरी के टुकड़े को सीधा पूरे चेहरे (आंखों और होंठों को छोड़कर) पर धीरे-धीरे रगड़ें।

फिटकरी के नुकसान –

  • फिटकरी को सूंघने से नाक-गले में जलन, फेफड़ों को प्रभावित करने वाली खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
  • फिटकरी को त्वचा पर लगाने से स्किन और आंखों में जलन व रैशेज भी हो सकते हैं।
  • पानी में मिलाई गई फिटकरी के संपर्क में आने से आंखें बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

अब तो आप जान गए होंगे कि सामान्य-सा दिखने वाला यह पदार्थ कितना लाभदायक है। आप लेख में बताई गई समस्याओं के लिए फिटकरी को विभिन्न तरीकों से प्रयोग कर सकते हैं। इसे इस्तेमाल में लाना बिल्कुल आसान है और इसके लिए ज्यादा मशक्कत करने की भी जरूरत नहीं है। हो सकता कि इसे लगाने से कुछ दुष्प्रभाव सामने आएं, लेकिन ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं, बल्कि सीधा डॉक्टर से संपर्क करें।

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