चंद सिक्के | अंकिता रासुरी चंद सिक्के | अंकिता रासुरी लौट गए कदम लड़खड़ाते हुएवह सिसक रही थीआँखों मे लिए एक अजीब सी शून्यताउसका दुधमुँहा बच्चा मुस्कुरा रहा थापर उसके पास था ही क्यासिवा कटोरे में पड़े चंद सिक्कों के।