बारिश में बीमारियाँ क्यों बढ़ जाती हैं ?
बारिश में बीमारियाँ क्यों बढ़ जाती हैं ?

बारिश के मौसम में वात, पित्त और कफ तीनों के प्रभावित हो जाने से बीमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

बारिश अपने साथ राहत तो लाती है लेकिन साथ ही ये वायरल और जीवाणु संक्रमण भी लाती हैं जो मौसम का मज़ा किरकिरा कर सकते हैं।

इस मौसम में दूषित पानी या खाना खाने से पानी की बीमारी जैसी कई प्रकार की टायफाइड, डायरिया, पीलिया आदि हो सकता है. मच्छर से पैदा होने वाली बीमारियां जैसे कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया भी मॉनसून के दौरान बढ़ जाती है।

जैसे ही हवा में नमी बढ़ती है, लोगों को डिहाइड्रेशन, गर्मी की ऐंठन और गर्मी में थकावट से जूझना पड़ता है।

लेकिन मानसून ही क्यों?

दरअसल इस मौसम के दूषित जल और नमीयुक्त वायु से शरीर की गर्माहट कम हो जाती है. गर्माहट कम होने से शरीर की पाचन क्रिया प्रभावित होती है. साथ ही इस समय वायु और जल गंदा होता है, जिससे शरीर का पित्त प्रभावित हो जाता है. गंदे वातावरण में स्पर्श से कफ पर भी असर पड़ता है. इस तरह बारिश के मौसम में वात, पित्त और कफ तीनों के प्रभावित हो जाने से बीमारी होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

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वो बीमारियां जो बारिश में सबसे ज़्यादा फैलती हैं

1 मलेरिया

मानसून के मौसम में मलेरिया की शिकायत अक्सर आती रहती हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश की वजह से सड़कों या नालों में जमे हुए पानी में मच्छर पनपते रहते हैं, जिनमें से कुछ मलेरिया के मच्छर भी होते हैं, ऐसे में आपको अपनी पानी की टंकी को साफ करते रहना चाहिए. इतना ही नहीं आस पास अगर किसी तरह का पानी इकट्ठा हुआ हो तो उसे भी फेंक देना चाहिए। बुखार, मांसपेशियों में दर्द और कंपकंपाना मलेरिया के लक्षण होते हैं।

2 डेंगू

डेंगू का मच्छर नालियों में ही नहीं साफ पानी में भी पैदा हो सकता है, इसलिए पानी को हमेशा ढंक कर रखें और आस पास पानी इकट्ठा ना होने दें. डेंगू की बीमारी के लक्षण जोड़ों, शरीर में दर्द हो सकते हैं. ऐसे में आप पूरे कपड़े पहनकर ही रखें।

3 चिकनगुनिया

चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से होता है. यह मच्छर रुके हुए पानी में प्रजनन करते हैं, और दिन में ही काटते हैं। चिकनगुनिया में आपको बुखार, जोड़ों में दर्द आदि लक्षण देखने को मिलता है. इसमें आप इंसेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

4 टायफायड

टायफायड एक ऐसी बीमारी हैं, जो पानी से पैदा होती हैं, अक्सर यह मानसून के दौरान होती हैं. यह दुषित पानी और खाने से फैलती है. इस बीमारी के लक्षण सर्दी, गले में खराश, बुखार आदि हो सकते हैं।

5 वायरल बुखार

वायरल बुखार ऐसे तो हर मौसम में होता है, लेकिन मानसून के दौरान यह काफी अधिक होता है, ऐसे में सर्दी, जुकाम और गंभीर बुखार होने लगता है।

6 पीलिया

पीलिया दूषित पानी और भोजन खाने के कारण होता हैं, पीलिया के लक्षण पीला मूत्र, उल्टी, कमजोरी आदि होते हैं. ऐसे में आप उबला पानी पिएं और बाहर का खाना खाना बिल्कुल छोड़ दें।

7 पेट संक्रमण

अत्यधिक गर्मी और आर्द्रता से बचने के लिए, लोग बाहर फल खाते हैं या ज्यूस पीते हैं जिससे पेट में संक्रमण हो सकता है. पानी से उत्पन्न बीमारियां मुख्य रूप से प्रदूषित पानी के माध्यम से फैलती हैं. एक व्यक्ति सीधे प्रदूषित पानी पीकर या खाना पकाने के लिए ऐसे पानी के उपयोग से बीमार पड़ता है. खराब भोजन खाने से गंभीर पेट संक्रमण भी हो सकता है।

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मानसून में बीमारी से बचने के लिए कुछ आसान नुस्खे –

  1. दालचीनी

रात को 1 गिलास पानी में दालचीनी का 1 स्टिक डाल दें और सुबह इसे पी लें. इसका पाउडर चाय में मिला कर भी पी सकते हैं. ऐसा करने से पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

  1. तुलसी

तुलसी के पत्‍तों में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण होते हैं. एेसे में इस मौसम में साधा पानी पीने की बजाए तुलसी के पत्ते को उबाल कर पीएं. यह इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता हैं।

  1. सूप

इस मौसम में सब्जियों का सूप अपनी डाइट में शामिल करें. इसमें लहसुन और काली मिर्च जैसे मसालों का उपयोग करें। ये सेहत के लिए हेल्दी होते हैं।

  1. हर्बल चाय

अदरक की चाय और ग्रीन टी इस मौसम में आपके शरीर को गर्म रखती है. यह गले में होने वाली परेशानियों से राहत दिलाती है।

  1. फलों का रस

चेरी और कीवी में कार्बोहाइड्रेट,फाइबर,विटामिन ए,सी,कैल्शियम,लोहा और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इनका जूस पीने से मानसून में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है।

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