बर्बिजोन टेरेस | जोसेफ ब्रोड्स्की
बर्बिजोन टेरेस | जोसेफ ब्रोड्स्की

बर्बिजोन टेरेस | जोसेफ ब्रोड्स्की

बर्बिजोन टेरेस | जोसेफ ब्रोड्स्की

वाशिंगटन का एक छोटा-सा होटल।
खर्राटे ले रहे हैं मेहमान
कहीं सपने न दिख जायें नींद में
इसलिए वे रात में भी उतारते नहीं काले चश्‍में।

मोटे पहलवान की तरह का दरबान
ट्रॉय के घोड़े की अंदरूनी चीजों की जाँच करने के अंदाज में
पढ़ता है रजिस्‍टर में दर्ज यात्रियों के नाम।

चेरी के झाड़ की सरसराहट
बरामदे में बैठे आदमी को कुछ सुनने नहीं देती।
कनपटियों के पास दसतक देता है खून इस तरह
जैसे दूसरे सिरे पर प्राप्‍त न किये जाने पर
लौट आये हों टेलिग्राफ के संकेत।
जनरलों की मनगढ़ंत योजनाओं की तरह है आज आकाश।

यदि कभी भूल जाओ
तिकोन के कोणों की संख्‍या
या दुष्‍ट चक्र का क्षेत्रफल, लौट आना इधर
गुसलखाने में आईनों के जमघट ने छिपा रखे हैं
सिरिल्लिक वर्णमाला के इत्र में डूबे
मृत्‍यु के अत्‍यंत गोपनीय रहस्‍य।

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