औरत | हरप्रीत कौर औरत | हरप्रीत कौर खाविंद के लिएएक पहर काराँधते-राँधतेखुशबू से भर जाता है पेटखाविंद जोदूसरे पहर तकपहले पहर का स्वाद भूल जाता है