अनियमित जीवनशैली
अनियमित जीवनशैली

अनियमित जीवन शैली स्वयं में एक बीमारी है, तथा जो मुख्यत ऐसी बीमारियों को जन्म देती है, जिससे इंसान उबर् नहीं पाता और फिर शरीर भी recover नहीं कर पाता है।

आपको पता है? की अनियमित जीवन शैली शरीर में ज़हरीले पदार्थों यानी की toxins ,फ्री radicalsके इकट्ठा होने के लिए जिम्मेदार होती है, जिससे हम बहुत जल्दी जल्दी बीमार पड़ते हैं, और हम उम्र के पहले ही बूढ़े दिखाई देने लगते हैं। अनियमित जीवन शैली कई कारणों से पैदा होती है।

तभी वारेन बफ़े जी ने कहा है।।

“Chains of habit are too light to be felt until they are too heavy to be broken.” –Warren Buffett (वारेन बफ़े जी अमेरिका के एक बड़े उद्योग पति और berkshire hathway के ceo एवं चेयरमैन हैं।

कुछ आदते ऐसी होती हैं, जो हमारी दिनचर्या को प्रभावित करके उसको अनियमित बनाती हैं। और हम उनके शिकार आसानी से हो कर अपना ही नुकसान कर बैठते हैं, जैसे

१) mobile, laptops/ internet का बेतहाशा प्रयोग मैंने इन devices का जिक्र इसलिए किया क्योंकि आजकल बच्चे हों, जवान हों, या अधेड़/ बूढ़े सभी इस मोबाइल की चपेट में हैं।

सॉफ्टवेयर proffessional हों वो भी दिन रात लैपटॉप या desktop पर ही लगे रहते हैं,,और आजकल internet का प्रयोग तो हर एक व्यक्ति कर रहा है, वो समय पर बिस्तर पर नहीं जाते, जिससे नींद को induce करने वाले हार्मोन meletonin का शरीर में निर्माण नहीं हो पाता है,(मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली blue lights भी meletonin के निर्माण को बुरी तरह प्रभावित करती हैं) और अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं, या फिर उनको दिन में नींद आने लगती है, जो उनके काम को और productivity को प्रभावित करती है।

और तो और दिन रात ऑफिस में अंदर होने के कारण day light (सूर्य की रोशनी) के संपर्क में ही नहीं आ पाते हैं, जिससे हमारे शरीर की biological clock यानी जैविक घड़ी confuse हो जाती है, और हमारे शरीर में गड़बड़ पैदा होने लगती हैं। जैसे meletonin हार्मोन, जिसकी कमी अनिद्रा (insomania) का एक बड़ा कारण है।

2)तनाव: अक्सर दिनचर्या का पालन न करने से हमारे जरुरी कार्य समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं, फिर आप जल्दीबाज़ी में सारे आवश्यक कार्य “तय अवधि” या “डेड line” के करीब पूरे करने की हड़बड़ में रहते हो, और मन मुताबिक पूरा न होने पर जबरदस्त तनाव का शिकार हो जाते हो।

और तनाव आपके स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करने लगता है।

३) ज्यादा खाना और खराब खाना: स्टडीज कहती हैं, ज्यादा तनाव इंसान को जंक फूड और अक्सर ज्यादा खाने की तरफ आकर्षित करता है।

क्योंकि समय का पाबंद और दिनचर्या का पालन न होने से आप वैसे भी समय से पीछे चल रहे होते हैं, जब आप कोई भी कार्य समय से नहीं कर पाए हो, और तनाव ग्रस्त हो, फिर “हेल्थि फूड” कैसे खाओगे? समय कहाँ है? जो groceries की शॉपिंग के लिए जाओ? तो वही जंक फूड का विकल्प बचता है? और आप वो भी ज्यादा खाते हो,,,,, फिर obesity और overweight होना,,, अनेक टाइप २ diabeties को बुलावा

४) फिजिकल एक्विटीज के लिए समय न होना : जंक फूड पर निर्भर और तनाव ग्रस्त होने के बाद मोटापा और उससे उत्पन्न होने वाली बीमारियां ?।

इसके बाद एक तो आप पहले से ही “running out of time” चल रहे हो, तो व्यायाम/रनिंग/ प्राणायाम का समय कहाँ?

और ये है, “worst case scenerio”

फिर आप का शरीर जटिल रोगों का शिकार होना शुरु हो जाता है।

पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियां

तनाव/anxiety

Obesity /overweight

टाइप २ diabeties

विषाक्त पदार्थों (toxins) और फ्री radicals का जमावड़ा

ये तो अनियमित दिनचर्या के मेजर प्रभाव हैं, जो पूरी जिंदगी और स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करते ही करते हैं।

ईश्वर ने हमको अपनी दैनिक कार्यों, पारिवारिक जीवन, काम, आराम, भोजन, शयन, स्वास्थ्य, उत्तरदायित्व, सब कार्यों की पूर्ति हेतु मात्र दिन के बारह और रात्रि के बारह घंटे मिला कर हमको २४ घंटे ही दिये हुए हैं, तो क्यों न हम इनका सदुपयोग करके अपने जीवन को सफल बनाएं, और सबसे पहले अपने आपको स्वस्थ्य बनाएं।

दिनचर्या को किसी भी “गलत आदत “ की वजह से प्रभावित न होने दें।

आखिर जीवन मिलता तो एक बार ही है? तो क्यों “बुरी आदतों और के वशीभूत” होकर इतना अमूल्य जीवन नष्ट करें?

आज से ही अपनी स्वस्थ दिनचर्या को अपनाएं, और रोग और शोक से, पछताने, तनाव सबसे दूर रहे।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *