अच्छा लगा | कुँवर नारायण अच्छा लगा | कुँवर नारायण पार्क में बैठा रहा कुछ देर तकअच्छा लगा,पेड़ की छाया का सुखअच्छा लगा,डाल से पत्ता गिरा – पत्ते का मन,“अब चलूँ” सोचा,तो यह अच्छा लगा…