आंतों को साफ करने का घरेलू उपाय क्या है ?
आंतों को साफ करने का घरेलू उपाय क्या है ?

आपका स्वस्थ पेट आपके स्वस्थ शरीर की बुनियाद है। दुर्भाग्य से कुछ लोग भोजन के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं और खानपान में बदलाव की वजह से उन्हें पाचन तंत्रके रोग हो जाते हैं। यह जानना आपके लिए दिलचस्प होगा कि प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाने वाली 70 फीसदी कोशिकाएं आंत की परत पर होती है। इसके बावजूद खराब आहार, तनाव पर्यावरणीय और भोजन में मौजूद विषाक्त पदार्थ पाचन प्रणाली को खराब कर सकते हैं। इसलिए अपनी आंतों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि पाचन प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव न आए। ऐसा करने के लिए अपनी डाइट में कुछ ऐसे आहार शामिल करें जो आंत के जरिये विषाक्त पदार्थ को आपके शरीर से बाहर निकाल सके। आईये आंत साफ कैसे करे , ये जाने

आंतों को साफ करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों

हरी सब्जी फाइबर से भरपूर होती हैं। ये आंत को साफ करने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। हरि सब्जियां खनिज और एंटी ऑक्सीडेंट से भरी होती हैं जो शरीर को विषाक्त पदार्थ के संपर्क में आने से बचाती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपकी पाचन क्रिया अक्सर खराब रहती है तो कच्ची सब्जियां खाने से बचें। इसके बजाय हमेशा सब्जी पकाकर खाएं। पकी सब्जियां आसानी से पच जाती हैं। आप हरी सब्जियों का सूप पी सकते हैं, भूनकर खा सकते हैं या फिर उबालकर खा सकते हैं। उबली हरी सब्जियां भी सेहत के लिए फायदेमंद है। अपनी डाइट में हरी सब्जियों को अधिक से अधिक खाय

आंतों को साफ करने के लिए दलिया जरूर खाएं

दलिया स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। इसे अपने आहार में जरूर शामिल करें। अगर सामान्य दलिया खाना पसंद न हो तो इसकी रेसिपी के साथ अलग-अलग तरह के प्रयोग कर सकते हैं। आप इससे मीठी, नमकीन और तरह-तरह की डिशेज तैयार कर सकते हैं। हालांकि कुछ लोगों को दलिया बनाने में ज्यादा समय लगता है, लेकिन इस वजह से इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। दलिया फाईबर से भरपूर है। यह सबके लिए उपयोगी है।

आंत साफ करने का तरीका है दही

दही एक प्रोबायोटिक (फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले जीवित सूक्ष्मजीव) खाद्य पदार्थ है। इंटरनेशनल जरनल ऑफ़ कैंसरमें प्रकाशित एक शोध के मुताबिक बहुत सारी मात्रा में दही खाने से कोलोस्ट्रोल कैंसर होने की आशंका में 38 फीसदी तक कमी आती है। इसके साथ ही प्रोबायोटिक्स होने की वजह से इसमें स्वस्थ बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो बीन्स या सब्जी खाने की वजह से होने वाली गैस की समस्या को कम करता है। अगर आप दुग्ध पदार्थ पसंद करते हैं तो अपनी डाइट में दही जरूर शामिल करें।

आंत की सफाई में अखरोट है लाभकारी

अखरोट के प्रत्येक तीस ग्राम में कुछ ग्राम फाइबर मिलता है। लेकिन इसमें एल्फा-लिनोलेनिक एसिड के फाॅर्म में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है। इस वजह से यह आंत की सफाई के लिए उपयोगी आहार में शामिल है। कुछ शोध से पता चलता है कि अखरोट खाने से आंत मजबूत होती है और ऐसा ट्यूमर जिसके कैंसर बनने की आशंका हो, उसके जोखिम में भी कमी आती है।

आंतों को साफ करने का उपाय है ब्रोकली

ब्रोकली को आप अपनी डाइट में किसी भी रूप में शामिल कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे फ्राई करके खा सकते हैं या फिर चिकन के साथ इसको भूनकर खा सकते हैं। आप ब्रोकली और फूलगोभी को मिक्स करके सब्जी बनाकर भी इसका मजा ले सकते हैं। ब्रोकली आंत को साफ करके आपको स्वस्थ रखती है

आंत को साफ करने के लिए पिएं दूध

दूध आमतौर पर लोग को नाश्ते के तौर पर पीते हैं। लेकिन आप चाहें तो इसे किसी भी समय पी सकते हैं। इससे आपको दूध और डेयरी प्रोडक्ट के सभी गुण हासिल होंगे। आप चाहें तो दूध से तरह-तरह के मिल्क शेक बनाकर भी इसका मजा ले सकते हैं। यकीन मानिए नियमित दूध को अपनी डाइट में शामिल करने से आपकी आंत की सफाई होगी और इससे संबंधित समस्याएं भी कम होंगी। व्होल मिल्क (3.25 फैट) में 146 कैलोरी, 8 ग्राम फैट 13 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 8 ग्राम प्रोटीन होता है। जबकि नाॅन फैट या स्किम मिल्क में 86 कैलोरी, 0 ग्राम फैट, 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 8 ग्राम प्रोटीन होता है

आंतों की सफाई के लिए बीन्स और दाल खूब खाएं

बिन्स और दाल भी फाइबर से भरपूर होती हैं। नियमित फाइबर युक्त आहार का सेवन करने वालों को फाइबर युक्त आहार न खाने वालों की तुलना में कोलोन पाॅलिप (आंतों की ऊपरी परत पर बनने वाला कोशिकाओं का एक छोटा गुच्छा होता है) होने की आशंका 35 फीसदी तक कम होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि बीन्स और दाल में कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स होते हैं। अतः बीन्स और दाल नियमित खाएं और अपने आंतों को साफ रखें।

आंतों की सफाई में चिया बीज है लाभकारी

चिया बीज आपके आंतों की सफाई के लिए बेहतरीन विकल्प है तो गलत न होगा। पानी में भिगोए रखने की वजह से चिया बीज जेली जैसे नजर आते हैं। यह पेट को साफ करने में और कब्ज से छुटकारा दिलाने में भी उपयोगी है। इसके अलावा चिया बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो कि शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। आप चिया बीज को पानी में मिलाकर या दूध में डालकर खा सकते हैं। स्वाद बढ़ाने के लिए दूध के साथ-साथ कोको भी शामिल किया जा सकता है। स्मूदी के रूप में या सलाद के तौर पर भी इसका सेवन किया जा सकता है

आंतों की सफाई के लिए लाल मिर्च

लाल मिर्च आमतौर पर भोजन का तीखापन बढ़ाता है। लेकिन लाल मिर्च सिर्फ स्वाद को बदलने के लिए ही उपयोगी नहीं है अपितु यह शारीरिक समस्याओं के लिए भी उपयोगी है। यह शरीर में बने बलगम (श्लेष्मा) की समस्या को कम करता है। बलगम और पेट के एसिड का प्रयोग कर पेट पाचन को आसान करता है एवं उसे बढ़ाता है। लाल मिर्च भी अपच के लक्षणों से लड़ने में मदद करती है।

आंतें साफ करने के लिए इसबगोल है फायदेमंद

इशबगोल भी तमाम उपयोगी बीजों की तरह आपके पेट के लिए फायदेमंद है। इसे आप चिया बीज के साथ पानी में घोलकर सूप की तरह पी सकते हैं। शुरुआती दिनों में इसबगोल को कम मात्रा में पिया जाना चाहिए। इससे यह पता चलता है कि इसबगोल आपके शरीर में किस तरह प्रतिक्रिया करेगा। इसके अलावा इसबगोल पीने के बाद अपने आंत को साफ करने के लिए खूब पानी पिएं।

आंतों को साफ करें घर में मौजूद जड़ी-बूटी से

बाजार में ऐसी तमाम मौजूद हैं, जो आपकी आंत को साफ करने में उपयोगी है। लेकिन आप घर में रोजाना इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आप सौंफ के बीज को अपनी डाइट में शामिल करें। यह आपके शरीर में बन रहे बलगम और गैस से राहत दिलाता है। इसी तरह पुदीना पाचनशक्ति को बढ़ाता है और पेट का सृजन को कम कर सकता है। ओरिगेनो यानी अजवाईन में एंटी वायरल और एंटी फंगल दोनों तरह के गुण पाए जाते हैं। अतः यदि लगे कि आपके आंत में यीस्ट या फंगस की वृद्धि हो रही है तो घर में मिलने वाली इन जड़ी-बूटियों का सेवन जरूर करें।

आंतो की सफाई के लिये नमक पानी

नमक पानी का घोल को कौवे की चोंच की भांति बनाकर अर्थात् दोनों होंठों को सिकोड़कर धीरे-धीरे हवा को पानी की भांति पीकर पेट में ले जाएं, फिर वहां चारों ओर घुमाएं। इसके बाद नासिका छिद्रो से हवा को धीरे-धीरे बाहर निकलें। यही वातसार धौति कहलाती है। यह क्रिया पेट के रोगों को नष्ट करती है और आंतों को ताकत प्रदान करती है। इससे भूख भी बढ़ती है।

धौत क्रिया

चतुरङ्गुलविस्तारं हस्तपंचदशायतम्।
गुरुपदिष्टमार्गेण सिक्तं वस्त्रं शनैर्ग्रसेत्।
पुनः प्रत्याहरेच्चैतदुदितं धौतिकर्म तत्।। – ह.प्र. 2/24
गीले कपड़े की चार अंगुल (लगभग 4-5 सेंटीमीटर) चौड़ी और 15 हाथ (लगभग 6 मीटर) लंबी पट्टी को धीरे-धीरे निगला जाता है और उसके बाद बाहर निकाल लिया जाता है। इसे धौति (आंतरिक शोधन) कहते हैं।

विधि

इस क्रिया को करने के लिए 5 से 6 मीटर लम्बा और 2 से 3 इंच चौड़ा साफ व स्वच्छ कपड़ा लें। इसके बाद इसे अच्छी तरह धोकर 5 मिनट तक पानी में डालकर उबालें और फिर सुखा लें। सूखने के बाद उस कपड़े की चार तह करके गोल लपेट लें। अब एक साफ बर्तन में उबले हुए नमक मिले पानी को डालें। फिर कागासन की स्थिति में बैठ जाएं और कपड़े को उस पानी में भिगो लें। अब कपड़े के ऊपरी सिरे को मध्यमा व अनामिका अंगुली के बीच में दबाकर मुंह के अन्दर डालकर धीरे-धीरे कपड़े को निगलें और साथ ही गर्म पानी का घूंट पीते रहें। इससे कपड़े को निगलने में आसानी होती है। शुरू-शुरू कपड़े को निगलना कठिन होता है, परन्तु प्रतिदिन अभ्यास से यह आसानी से होने लगता है। पहले दिन में 1 फुट कपड़ा निगलें और फिर धीरे-धीरे इसे बाहर निकाल लें। इस तरह से इस क्रिया में कपड़े को निगलने की लम्बाई बढ़ाते हुए 4 फुट तक कपड़े को निगल लें।

इन दिनों देखने में आ रहा है कि ज्यादातर युवा वर्ग कोलोन कैंसर की चपेट में आ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी वजह खराब खानपान और शारीरिक गतिविधियों का कम होना हो सकता है। अतः यहां दिए गए सभी आहार को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसके योग के कुछ क्रिया इससे आपकी आंतें तो साफ होंगी

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